________________ 154 स्त्रीचरित्र, घोडे पर चढकर गई. परंतु शत्रुओंकी सेना बहुत थो इस कारण ताराबाईके पिताका बल पौरुष कुछ काम नहीं आया, राना रायमलके तीसरे पुत्र जयमलने ताराबाईके साथ विवाह करनेकी इच्छासे सन्देश भेजा, परंतु उसने कह ला भेजा कि मेरा पति वही होगा, जो मेरे पिताके राज्यको अफगानोंसे छोन सकैगा; यह सुनकर जयमालने प्रतिज्ञा की कि, मैं तेरे पिताके राज्यको छीन दूंगा, परंतु आजसे तू मेरी स्त्री हो चुको, यह कह वंशमर्यादको छोडकर भेट करना चाहा, यह समचार - सुनकर राजाने जयभलका शिर काटडाला, तब जयमा लके भाई पृथिवीराजने प्रतिज्ञा की कि, मैं अफगानोंसे राज्य छीनकर राजाको दूंगा, तब ताराबाईको पा सकूँगा, यह सुनकर ताराबाईने स्वीकार किया, राजानेभी पृथिवीराजकी बातको मानलिया, पृथिवीराजने अफगा नोंपर चढाई करनेके लिये मुहर्रम महीना नियत किया, क्योंकि मुहर्रममें अफगानलोग ताजियोंके बनाने आर निकालने में लग जाते हैं. उसी नियत ममय पर पृथिर Jun Gun Aaradhak Trust P.P.AC. Gunratnasuri M.S. .