________________ 152 स्त्रीचरित्र. प्रायः मनुष्य असत्त्य समझते हैं, जिस समाचारमें अ. सत्यता प्रतीत नहीं होती, वह समाचार यह है कि, मीराबाई मिरताके राठोरकी कन्या थी, जो मारवाड देशमें सबसे उच्च वंश माना जाता है, चित्तौरके महा राज कुंभकी रानी पीराबाई श्रीकृष्ण भगवान्के चरि-त्रोंको परमपवित्र मानकर पढा करती थी, और श्रीकृष्णकी भक्तिमें लवलीन रहा करती थी, वंगदेशके महा कवि जयदेवजी उस समयमें प्रसिद्ध थे कि जि-नका बनाया गीत गोविन्दकाब्य परम विख्यात है, मीराबाई और उसके पति रानाको गीतगोविन्दका' व्यके पढनेमें बहुत रुचि थी. मीराबाईके बनाये हुये -सैकडों भजन वैष्णवमन्दिरोंमें गाये जाते हैं, मीराबाईकी कविता जयदेवजीसे कुछ कम नहीं है, मीराबाईको संसारके विषयोंसे वैराग्य था, मीराबाईने श्रीकृष्णसम्बन्धी अनेक तीर्थोके दर्शन मीराबाईने किये थे, इति / आगे ताराबाईका वृत्तांत संक्षेप रीतिसे लिखते हैं. P.P.AC.Gunratnasuri-M.S.