________________ / भाषाटीकासहित 137 त्रुको सुयश आज धूरिमें मिलाय दो। दाबहु स्वसेन सों रिपुनको भली प्रकार दिल्लिहि उजार बीच धारमें वहाय दो॥१०॥ - यह बात हो रही थी कि एक सेवकने आकार कहा, महाराज महलमें राजकुमारी संयोगता नहीं, है, यह सुन मंत्रीको भेज कर जयचन्दने निश्चय किया, तो ज्ञात हुवा कि निस्सन्देह संयोगता महलमें नहीं, है जयचन्दको यह जानकर महा शोक हुवा, इतनेमें चन्दके आनेकी सुधि प्रतिहारीने आकारदी. जयचन्द-(प्रतिहारीसे ) चन्दको आने दो. चन्द-(आकर) दोहा. श्रीगोविंद प्रतापते, सुख भोगें जयचंद। चितकी सब चिंता मिटै,रहैं सदा सानंद॥११ जयचन्द-चन्द कहो क्या कोई नवीन समाचार है: चन्द-महाराज ! राजकुमारी संयोगता सब प्रकार Jun Gun Aaradhak Trust