________________ - - - - भाषाटीकासहित. 145 हर अब तक पथिकोका संयोगताका स्मरण कराता है, यह संयोगताका वृत्तान्त हमने यहां संक्षेपसे लिखा है, आगे कूर्मदेवीका हाल लिखते हैं. कूर्मदेवी. यह कूर्मदेवी चित्तारै गढके राना सोमरसीकी रानी और पट्टनकी राजकुमारी थी, महाराज पृथिवीराजके सहायक राना सोमरसीभी केगरके संग्राममें काम आये, रानाको पतिव्रता रानी कूर्मदेवीने अपने पुत्रके समर्थ होने पर्यन्त राजकाजको वडीबुद्धिवानीके साथ सम्हाला, इसी रानीने कुतुबुद्दीनशाहको अम्बरके समीप पराजय करके घायल किया था. जब पुत्र समर्थवान् होगया, तब उसको राजकाज सौंपकर आप भगवद्भजन करती हुई पतिलोकको सिधारी, आगे पद्मावतीका हाल हम लिखते है, . - पद्मावती पद्मावतीका चरित्र पद्मावती नामवाली कई पुस्तकोंमें / लिखा है, इसके रूप गुणको प्रशंसा प्रायः कवियोंने .AC. Gunratnasuri.M.S: Jun Gun Aaradhak Trust