________________ स्त्रीचरित्र. इस बन्धमें मरना अच्छा नहीं, यह विचार बडे बलसे लोहेके पिंजडेका डंडा खींचकर उखाड़ लिया और पिंजडेमेंसे निकल कर उसी डंडेसे सत्ताईस यवनोंको अनन्तर महारानो नीलदेवीने और राज कुमार सोमदेवने जिस प्रकार अपने वीर पिताका बदला लिया, उसका संक्षिप्त वृत्तांत हम लिखते हैं, महाराज सूरजदेवकी बहादुरी नीचे गजलसे साबित होती है, जो सिपहसालार अब्दुलशरीफखां सूरने अपने लोगोंसे होशियार करनेके समय कहा है. गजल इस राजपूतसे रहो हुशियार खबरदार। गफलत न जराभी हो खबरदार खबर दार। ईमाँकी कसम दुश्मनने जानी है हमारा। काफिर है यह पंजाबका सरदार खबरदार॥ अजदर है भभूका है चहन्नुम है अबला है। P.P.AC. Gunratnasuri.M.S... Jun Gun Aaradhak Trust