________________ 7 . - _ भाषाटीकासहित. नीलदेवीने अमीरको मारते समय कहा, ले चाण्डाल महाराजके वधका बदला ले मेरी यही इच्छा थी कि, इस चाण्डालको मैं अपने हाथसे मारूं, इसी कारण मैंने कुमारको युद्ध करनसे रोका सो मेरी इच्छा पूरी हुई अब मैं सुख पूर्वक सती हूंगी, यह कह महारानी नीलदे- वीने ताली बजाई, राजकुमार सोमदेव राजपूतों सहित शस्त्र खींचे हुये तम्बूमें घुसकर यवनोंको मारने लगे, जिस प्रकार कि सान खेती काटता है उसी प्रकार राजकुमार आदि वीरोंने सहस्रों यवनोंको काट डाला, सिपहसालारके मारे जानेसे यवनोंके पैर उखड गये, लडेसो काट डाले गये, शेष अपना प्राण लेकर / भागगये, क्षत्रिय लोग, भारतवर्षकी जय, आर्यकुल का जय, महाराज सूर्य देवकी जय, महारानी नीलदेवी Baa जय, राजकुमार सोमदवकी जय शद उच्चारण रन लगे, अपने स्वामीका इस प्रकार बदला लेनेबाली एसी महारानी नीलदेवी आदि बीर रानियों इस जगतमें - . . P.P.AC. Gurratnasuri M.S. Gun Aaradhak Trust