________________ 106 स्त्रीचरित्रः होंगे, नहीं तो ऐसे कठिन पहरेमें और कौन आसकता है, विना ब्राह्मण देवताके और ऐसा मधुर स्वर किसका हो सकता है, अब तजहु वोर वर भारतकी सब आशा, ए यह ब्रह्मवाक्य क्या सच मुच सिद्ध होगा,क्या अब क्षत्रिय राजकुमारोंकोभी दास्यवृत्ति करनी पड़ेगी ? हाय ! क्या मरते मरतेभी हमको यह वज्रशब्द सुनना पडा, हा ! हम यह सुनकर क्यों नहीं मरे, कि आर्यकुलकी जय हुई और यवन सब भारतवर्षसे निकाल दिये गये... और क्या कहा ? सुखसों सहि हैं शिर यवन पादुका त्रासा, क्या अब यहां यही दिन आयेंगे, क्या भारतजननी अब एकभी वीरपुत्र न प्रसव करेगी ? यह कहता ढुवा राजा मूच्छित हो गया, अनन्तर जिसप्रकार राजाकी मृत्यु हुई, सो लिख चुके है. महाराजकी मृत्यु होनेके अनन्तर राजकुमार सोमदेवने अनेक क्षत्रिय वीरोंको एकत्र कर युद्ध क्षेत्रमें जाकर यवनोंसे युद्ध करनेका विचार किया... और युद्ध करनेको चलने लगे, उसी समय महाराना .. . P.P.AC.Gunratnasuri M.S. Gun Aaradhak Trust