________________ / 32 स्त्रीचरित्र अर्यमा देवः प्रेतो मुंचतु मापतेः स्वाहा॥३॥ .. अर्थ-अमिस्वरूप अर्यमादेव ( सूर्यदेव ) को यह कन्या पूजनी है, इस कारण कि वह अर्यमादेव मुझको पतिके पाससे मत छुटाओ अर्थात् दूर न करो, सदा प. तिकेसाथ रहू // 1 // दूसरा मंत्र यह हैं कि... इयंनार्युपतेलाजानविपातका / आयु. ष्मानस्तु मे पतिरेधन्ताज्ञायो मम स्वाहा 2 _ अर्थ यह नारी लाजों अनिमें (आवपंतिका )के कती हुई यह कहती है कि मेरा पति बड़ी आयुवाला हो, और मेरी ज्ञातिवालेभी बढे, // 2 // तीसरा मंत्र यह है कि. इमाल्लाजानावपाम्यग्नौ समृध्दिकरणं तव / मम तुभ्यं च संवननं तदग्निरनुमन्य ताभियं स्वाहा // 3 // P.P.AC. GuhratnasuriM.S..... Gun Aaradhak Trust