________________ भाषाटीकासहित. स्त्रीवद्धिप्रशंसाः। कोई कोई पुरुष यह कहते हैं, कि स्त्रियोंकी बुद्धि तुच्छ होती है, उनका अभ्यास शास्त्रमें नहीं होसकता, तहा नीतिशास्त्रमें लिखा है कि, दोहा. . पुरुषन ते दूनी क्षुधा, बुध्दि चौगुणी होय। मोह आठ साहस छ गुण, या विधि तिय सब कोय // 1 // - देखिये विना सिखाये पढाये केवल देखनेही मात्रसे अनेक वेल, वूटे और भाँति भाँतिके व्यंजन तथा चित्रआदि अनेक वस्तुयें बुद्धिवानीकी बनाती है कि, जो पुरुषोंको सिखानेपरभी कठिनतासे आती हैं, इससे नि- श्चय होता है कि स्त्रियोंको विद्यामें शीघ्र अभ्यार होजाता है. - कवित्त-घनाक्षरी। स्त्रीको स्वतंत्रता न उचित उचारी वेद P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust