________________ भाषाटीकासहित. राम और उसके भ्राता लक्ष्मणभी मेरे सन्मुख युद्धमें नही टिकेंगे तथा यह जो वानरोंकी सेना है सोभी शीघ्रही विपत्तिको प्राप्त होगी यह वचन रावणका सुनकर सीताजीने उत्तर दिया कि हे लाघिष्ट, अर्थात् हे पतिनीच ! इस आपने पढे हुये लोकके प्रत्येक पदके सातवें अक्षरका लोप करके पढ // 42 // सो देखो, सीताजीने तीनों बातोंका जबाब एकही वचनमें ऐसा दिया कि रावणको चुप होना पड़ा, क्योंकि तीनों बातें जो कि रावणने रामचन्द्रकी निन्दा की कही थीं उनमें रावणहीकी निंदा हुई सो इसप्रकार कि श्लोकके पहले पदमें सातवां त्रि' अक्षर है तिसका लोप करनेसे दशवदनग्लानि' ऐसा शेष रहा सो दशवदननाम राव__शहीका है उसीको ग्लानि होगी, और दूसरे पदमें नि टोधका वाचक न अक्षर सातवां है उसके दूर करनेसे यह अर्थ आया कि रामचन्द्र और उनके भ्राता लक्ष्मण युद्धमें टिकेंगे और तू ही भागैगा या मारा जायगा, तथा तीसरे पदमें 'वि' अज्ञर सातवां है उसे दूर करनेसे P.P.Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust