________________
रंगून से आस्ट्रेलिया
संख्या १ ]
निहायत
है। एक छोटी सी दूकान भी की है। हँसमुख व सज्जन होने की वजह से उनकी लगभग दो सौ कोस के
इर्द-गिर्द सभी ज़मींदारों व अन्य व्यवसायियों में
काफ़ी मेल-जोल व प्रतिष्ठा हो गई है।
लंच के पहले मिस्टर
नाइट ने मुझे ले जाकर अपने क्लब में अपने मित्रों
से मेरा परिचय कराया । भोजनोपरान्त का समय भी यहाँ वहाँ जाने में बीता । रोमा में क़रीब
३००० मनुष्यों की आबादी है। सड़कें सीधी व स्वच्छ हैं। हर एक परिवार का अपना अलग अलग बँगला है। रात का भोजन के लिए रोमा के एक बड़े ज़मींदार के यहाँ न्योता था। उनका घर शहर से १० मील पर था। मालूम हुआ, उनके पास डेढ़ लाख एकड़ ज़मीन है, जिसमें भेड़-बकरी, घोड़े, गाय-बैल इत्यादि पाले जाते हैं। शाम को उनके घर जाने पर निहायत सुन्दर बँगला पाया । अँगरेज़ी सज्जनोचित रीति- रस्म के साथ भोजन हुआ । इन ज़मींदार का नाम मिस्टर मैकगिग है । वे बड़े सुशिक्षित व 1 अनुभवी जान पड़े। बातचीत ऊँचे दर्जे की थी। उन्होंने दूसरे दिन शीपडिपिंग (भेड़ों को नहलाना) देखने के लिए मुझे आमन्त्रित किया। मिस्टर नाइट का इशारा पाकर मैंने सधन्यवाद स्वीकार किया। होटल में वापस लौटने पर १२ बज गया था।
सुबह भोजन कर शीपडिपिंग देखते हुए डुलक्का नामक जगह पर जहाँ मिस्टर नाइट का फ़ार्म व कारोबार है, जाने के लिए मोटर पर बैठे । क्कीन्सलैंड-प्रान्त का सारा प्रदेश सरकारी जालीदार हातों से घिरा हुआ है, जहाँ-तहाँ फ़ार्मों में जाने के लिए फाटक बने हुए हैं। उन पर नोटिस टँगे हुए हैं, जिनमें लिखा है कि इनको बन्द कर दो । खुला
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar Umara, Surat
३१
[ बटेवा (जावा) की एक सड़क ]
छोड़ने पर १,५००) जुर्माना देना पड़ेगा। ये सरकारी होते पगडंडी छोड़कर बने हुए हैं। यहाँ ख़रगोश व कंगारू बहुत हैं, जो यदि हाते न हों तो मवेशियों के चारे को चर लें । इसलिए सरकार ने बहुत पैसा ख़र्च कर सारे प्रदेश को जालीदार तार के हातों से घेर दिया है। इनके भीतर ज़मींदार अपनी ज़मीन में पचास से सौ एकड़ तक के तार के अथवा लकड़ी के हाते घेर लेते हैं, जिनमें भेड़, गाय, बैल, घोड़े इत्यादि स्वच्छंद चरा करते हैं । दूध देनेवाली गायों को जब तक वे दूध देती हैं, अलग रखते हैं । बाद को फिर उन्हें हातों में छोड़ देते हैं। गाय-बैल दो तरह के हैं । एक तो डेरी के काम आते हैं याने दूध के व्यवसाय के लिए पाले जाते हैं। दूसरे सिर्फ़ हट्टे-कट्टे कर कसाईखानों को बेच दिये जाते हैं। आस्ट्रेलिया से बहुत बड़े परिमाण में विदेशों को मांस भेजा जाता है।
मिस्टर मेक्गिग की ज़मीन की सरहद पर पहुँच सरकारी हाते के अन्दर घुसे। वहाँ से फिर अनेक हातों के फाटक खोलते-बन्द करते हुए उनके बँगले पर आये । मालूम हुआ कि वे कोई चार मील पर शीपडिपिंग में लगे हुए हैं। उनकी श्रीमती राह बतलाने को साथ हो
www.umaragyanbhandar.com