________________ 196 ] वृहत्संग्रहणीरत्न हिन्दी [ गाथा 86-90 1000001 है। व्यासका वर्ग पानेके लिए दोनों समान संख्याका गुना किया / x 100000 (जिससे वर्गसंख्या प्राप्त हुई / ) 10000000000 ___ जम्बूद्वीपके व्यासका वर्ग " दस अरब" प्रमाण हुआ / उसे / दससे गुननेसे वर्गमूल योग्य २०४भाज्य रकम सौ अरबकी आई। - अब वर्गमूल पानेके लिए अंकोंको सम-विषय करें, वह इस x10 100000000000 तरह 1 ला भाजक = 3) 100000000000 (3 योजन 2 रा भाजक = 6,1 01,00 (1 योजन आए हुए उत्तरका अंक + 1 61 ठीक रूपमें रखनेसे 3 रा भाजक = 62,6 39,00 ( 6 योजन 316227 . योजन +6 3756 जितना आया। 4 था भाजक = 632,2 014400 ( 2 योजन +2 12644 5 वा भाजक = 6324,2 01756,00 (2 योजन +2 126484 ६ठा भाजक = 63244, 704911600 (7 योजन . +7 4427129 7 वाँ भाजक = 632454 0484471 शेष-अवशिष्ट -ध्रुव भाजक 484471 शेष-अवशिष्ट | इति परिधि / हैं उसे चार कोसका एक योजन होनेके कारण ४से गुना-४४ ध्रुव भाजक 632454) 1937884 ( 3 कोस आए 1897362 0040522 दो हजार धनुषका (दण्डका) 1 कोस होनेसे x 2000 209. जिसको भाग देना हो वह रकम भाज्य और जिस रकमसे भाज्यको भाग देना हो वह रकम भाजक और जो उत्तर आवे वह 'भागाकार' कहलाता है /