________________ 358 ] बृहत्संग्रहणीरत्न हिन्दी [ गाथा 179-180 'श्वासोच्छ्वास' संज्ञा 'नाडी' शब्दवाचक समझे अथवा उस शब्दका अर्थ लक्षणासे 'नाडी में घटाना उचित है। [ 178 ] ___ अवतरण-अब श्वास-उच्छ्वास किसे मानें ? इसे समझानेके लिए मनुष्यके एक अहोरात्रिगत श्वासोच्छ्वासका मान सवा दो गाथासे बताते हैं। आहिवाहिविमुक्कस्स, नीसासूसास एगगो / पण सत्त इमो थोवो, सोवि सत्तगुणो लबो // 179 // लवसत्तहत्तरीए, होइ मुहूत्तो इमम्मि ऊसासा / सगतीससयतिहुत्तर, तीसगुणा ते अहोरत्ते / / 180 // लक्खं तेरससहस्सा, नउअसयं–१८०३ गाथार्थ-विशेषार्थवत् / / / 179-1803 // विशेषार्थ-आधि यह मनकी पीड़ा है तो व्याधि शरीरकी पीड़ा है। उन दोनोंसे विमुक्त / विशेष में 'वि' विशेषणसे चिंता, श्रम, खेद रहित, सुखी ऐसे समर्थ युवान पुरुषके एक-एक निःश्वास ( श्वास बाहर निकालना ) और उच्छ्वास (श्वास लेना)को अर्थात् दोनों मिलकर एक श्वासोच्छ्वास बनता है उसे एक 'प्राण' कहा जाता है। ऐसे सात 'प्राण' (अथवा श्वासोच्छ्वास) पर एक 'स्तोक' बनता है, ऐसे सात स्तोक (49 श्वासोच्छ्वास )से एक 'लव' बनता है। ऐसे सतहत्तर (77) लवसे एक मुहूर्त ( दो घडी-४८ मिनट ) बनता है (इस एक मुहूर्तमें 'एगाकोडी' गाथानुसार 16777216 आवलिकाएँ३२३ बनती हैं)। इस प्रकार सतहत्तर (77) लवमें 3773 उच्छ्वास आते हैं, जिसे एक मुहूर्तकी संख्या कही जायेगी। अब एक अहोरात्रकी संख्या लानेके लिए अहोरात्रको 30 (तीस ) मुहूर्तसे गुननेसे [ 3773 x 30] ११३१९०-इतनी उच्छ्वास संख्या एक अहोरात्रकी होती है। विशेषमें एक मासकी संख्या निकालनी हो तो उस संख्याको 30 अहोरात्रसे गुननेसे 3395700 की संख्या आती है। एक सालकी संख्या लानेके लिए बारहसे गुननेसे 40748400 संख्या आती है। यदि एक सौ सालकी संख्या लानेके लिए इसे सौसे गुननेसे 4074840000 संख्या आती है। इस प्रकार साल, हजारसे-लक्षसे-या कोटिसे भी उच्छ्वासकी संख्या निकाल सकते हैं। [ 179-5803 ] 323. इसका विशेष स्वरूप इसी ग्रंथके 26 वें पृष्ठ पर दिखाया गया है।