________________ .208. * श्री बृहत्संग्रहणीरत्न-हिन्दी भाषांतर . आहार सरीरिदिअ, पजत्ती आणपाणभासमणे / चउ पंच पंच छप्पिअ, इग-विगला सन्निसन्नीणं // 338 // गाथार्थ-आहार, शरीर, इन्द्रिय, श्वासोच्छवास, भाषा और मन इस नामकी छः पर्याप्तियाँ हैं। उनमें एकेन्द्रियके चार, विकलेन्द्रियके पांच, असंज्ञि पंचेन्द्रियके पांच और संज्ञी पंचेन्द्रियके छः होती हैं। // 338 // विशेषार्थ-गाथाका विशेषार्थ यहाँ विस्तारसे प्रस्तुत करता हूँ। क्योंकि पर्याप्ति खास महत्त्वकी समझने जैसी बावत है। इसे अगर विस्तारसे न समझाया जाए तो उसका यथार्थ रहस्य समझमें नहीं आ सकता। इन पर्याप्तिओंकी व्याख्या शुरु करने पहले उस विषयक कुछ भूमिका. अगर प्रस्तुत करूँ तो विद्यार्थीओं तथा पाठकोंको रसदायक लगेगा और रहस्य अधिक स्पष्ट होगा। नामकर्मके उदयके कारण औदारिकादि (तीन) शरीररूपमें परिणत हुए पुद्गलोंमें से उस उस शरीरके योग्य ऐसे मस्तक, छाती, पेट, पीठ, दो हाथ और दो जंघाएँ (पग) ये आठ अंग और उन अंगोंमेंसे निकलती उनके ही अवयवरूप अंगुलियाँ तथा नाक, कान आदिरुप उपांग, पुनः उनके ही अवयवरूप रोमराजी, बाल, पलके, हाथ-पगकी रेखाएँ आदि अंगोपांग रूप स्पष्ट विभागो बनते हैं / अर्थात् वैसी परिस्थिति प्राप्त होती है। उपरांत उसी तरह श्वासोच्छ्वासके योग्य ऐसा श्वासोच्छ्वास नामका नामकर्म यह पर्याप्ति नामकर्म के उदयसे प्राप्त होती है / भाषा पर्याप्ति नामकर्मके कारणसे भाषा वर्गणाके पुद्गल ग्रहणसे भाषायोग्य लब्धि तथा मनःपर्याप्ति नामकर्मके कारण मनोवर्गणाके पुद्गलोंसे मनोलब्धि अर्थात् चिंतनशक्ति प्राप्त होती है। लेकिन इन तीनों शक्तियोंकी क्रियाव्यापार या उपयोग तो अनुक्रमसे श्वासोच्छ्वास, भाषा और मन पर्याप्तिके कारण ही शक्य बनता है। ये पर्याप्तियाँ पर्याप्त नीमकर्मके उदयसे जीवको प्राप्त होती हैं / पर्याप्तियोंका स्वरूप सुचारु रूपसे समझमें आवे इसलिए कुछ बाबतें स्थूल रूपमें संक्षिप्तमें बताई। 498. पर्याप्तिका सूक्ष्म और विस्तारपूर्वक विवेचनके लिये 339 गाथाके बाद दिया हुआ बारहवाँ परिशिष्ट देखिये / 499. नामकर्मकी अनुकूलता या प्रतिकूलता पर अंगोपांगकी न्यूनाधिकता, अनुकूलता या प्रतिकूलताका आधार होता है / 500. नामकर्म अर्थात् क्या ? नामकर्म यह ज्ञानावरणीय आदि आठ प्रकारके कर्मके प्रकारों से एक प्रकार है। इस नामकर्मके 93 या 103 जो भेद हैं, उनमें पर्याप्त नामकर्म भी एक भेद है / वह नामकर्ममें होनेसे यह विशेषण प्रयुक्त है / /