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विषय ही नहीं है, इसलिए कोई तरकीब काम नहीं दे सकती। लेकिन सपनों द्वारा तुम जागरूक होना सीख जाओगे,और वही जागरूकता निद्रा में जारी रखी जा सकती है।
स्मृति है पिछले अनुभव को स्मरण करना।
ये परिभाषाएं है। पतंजलि चीजों को स्पष्ट कर रहे है जिससे कि बाद में तुम उलझन में न पड़ जाओ। स्मृति क्या है?पिछले अनुभवों को स्मरण करना। निरंतर स्मृति घटित हो रही है। जब कभी तुम कुछ देखते हो, फौरन स्मृति बीच में चली आती है और उसे विकृत कर देती है। तुम पहले मुझे देख चुके हो। जब तुम मुझे फिर देखते हो, स्मृति तत्काल चली आती है। यदि तुमने मुझे पांच वर्ष पहले देखा था, तब पांच वर्ष पहले की तस्वीर, वह पिछली तस्वीर, तुम्हारी दृष्टि में आ जाती है
और तुम्हारी आंखों को भर देती है। तुम मुझे उस तस्वीर द्वारा देखोगे। इसीलिए, यदि तुमने अपने मित्र को बहुत दिनों से नहीं देखा होता है, तो जिस क्षण उसे देखते हो तुरंत कह देते हो, 'तुम बहुत दुबले दिख रहे हो', या 'तुम बहुत अस्वस्थ दिख रहे हो', या'तुम्हारा मोटापा बढ़ गया है।' तुरंत तुम यह कह देते हो। क्यों? क्योंकि तुम तुलना कर रहे हो। स्मृति बीच में आ गयी है। वह आदमी शायद स्वयं न जानता हो कि वह मोटा हो गया है या कि पतला हो गया है, लेकिन तुम जान जाते हो क्योंकि फौरन तुम तुलना कर सकते हो। वह पिछला, वह उसका अंतिम चित्र, जो तुम्हारे मन में था, चला आता है और फौरन तुम तुलना कर सकते हो।
यह स्मृति निरंतर रहती है। यह प्रक्षेपित हो रही है हर चीज पर, जिसे तुम देखते हो। लेकिन यह पिछली स्मृति छोड़नी होती है। इसे तुम्हारे बोध में सतत हस्तक्षेप नहीं बने रहना चाहिए क्योंकि यह तुम्हें नये को जानने नहीं देती। तुम हमेशा पुराने ढांचे जानते हो। वह तुम्हें नये को अनुभव करने नहीं देती, वह हर चीज को पुराना और रही बना देती है। और स्मृति के कारण,हर व्यक्ति ऊबा हुआ है, सारी मानवता ऊबी हुई है। किसी के चेहरे की ओर देखो, हर कोई ऊबा हुआ दिखता है। मरने की हालत तक ऊबे हुए। कुछ नया नहीं है, कोई उल्लास नहीं
बच्चे इतने आनंदित क्यों होते है? और वे इतनी साधारण बातों को लेकर आनंदित हो जाते है कि तुम सोच नहीं सकते कि आनंद घटित कैसे हो रहा है। समुद्र-तट के कुछ रंगीन पत्थरों की वजह से ही वे नाचना शुरू कर देते है। उन्हें क्या हो रहा है? तुम इस तरह क्यों नहीं नाच सकते? क्योंकि तुम जानते हो कि वे तो केवल पत्थर ही है। तुम्हारी स्मृति इनमें है। लेकिन बच्चों के लिए इनमें कोई स्मृति नहीं है। वे पत्थर एक नयी घटना हैं-वैसी नयी जैसे कि चांद पर पहुंचना।
मैं पढ रहा था कि जब पहला आदमी चांद पर पहुंचा, तो संसार में सर्वत्र उत्तेजना थी। हर व्यक्ति अपना टी वी. देख रहा था लेकिन पंद्रह मिनट के भीतर हर कोई ऊब गया, समाप्त हो गयी