________________ और वे जानते हैं कि चरण निर्मित करना व्यर्थ है क्योंकि अंततः छलांग लगानी होती है। पर मैं समझता हूं तुम्हारे लिए पतंजलि का अनुगमन करना अच्छा होगा क्योंकि धीरे- धीरे वे तुम्हें प्रलोभन देते हैं। तुम कम से कम एक चरण चल सकते हो,तो दूसरा आसान हो जाता है, फिर तीसरा। और जब तुम निन्यानबे सीढ़ियां तय कर चुके होते हो, तो वापस जाना कठिन होगा। क्योंकि स जाना तुम्हारे अहंकार के विपरीत होगा। क्योंकि तब सारा संसार हंसेगा कि तुम इतने बड़े महात्मा हो गये हो,और तुम वापस संसार में लौट रहे हो? तुम इतने महायोगी थे-बड़े योगी, तो वापस क्यों आ रहे हो? अब तम पकड़ लिये गये हो, और तुम वापस नहीं जा सकते। हेराक्लत सीधे हैं, निर्दोष। उनका शिक्षण बाल-विदयालय का नहीं है, पर वे बालक हैं यह सही है-बच्चे की भांति निर्दोष,बच्चे की भांति बुद्धिमान भी। पतंजलि चालाक हैं, होशियार हैं। लेकिन पतंजलि तुम्हें उपयुक्त लगेंगे क्योंकि तुम्हें चाहिए कोई,जो तुम्हें चालाक ढंग से उस बिंदु तक ले जा सके जहां से तुम वापस न जा सको। यह एकदम असंभव हो जाता है। गुरजिएफ कहा करते थे कि दो प्रकार के गुरु होते है. एक निर्दोष और सरल; दूसरे छली और चालाक। उसने स्वयं कहा, 'मैं दूसरी श्रेणी से संबंध रखता हूं।' पतंजलि स्रोत हैं, सारे चालाक गुरुओं के। वे गुलाब वाटिका की ओर ले चलते हैं और फिर अचानक खाई की ओर! और तुम अपने ही द्वारा बनायी पकड़ में इस तरह आ फंसते हो कि तुम वापस नहीं जा सकते। तुमने ध्यान किया, तुमने संसार त्यागा, पत्नी और बच्चों को छोड़ दिया। वर्षों से तुम आसन लगा रहे थे, ध्यान कर रहे थे, और तुमने तुम्हारे चारों ओर ऐसा वातावरण निर्मित कर लिया कि लोग तुम्हें पूजने लगे। लाखों व्यक्तियों ने भगवान की भांति तुम्हें देखा और अब आता है अगाध शून्य। अब इज्जत रखने को ही तुम्हें छलांग लगानी होती है; मात्र तुम्हारी इज्जत बचाने को ही। जाते कहां हो? अब तुम नहीं जा सकते। बुद्ध सरल हैं; पतंजलि चालाक हैं। सारा विज्ञान चालाकी है। इसे समझ लेना है, और मैं यह किसी अनादर भाव से नहीं कह रहा हं खयाल रहे; मैं इसकी निंदा नहीं कर रहा है। सारा वितान चालाकी है। ऐसा कहा जाता है कि लाओत्स् का एक अनुयायी-स्व बूढ़ा आदमी, एक किसान कुएं से पानी खींच रहा था, और बैल या घोड़ों का उपयोग करने की बजाय वह खुद-बूढ़ा आदमी और उसका बेटा, वे बैलों की भांति काम कर रहे थे और कुएं से पानी ढो रहे थे, पसीने से लथपथ। मुश्किल से सांस ले पा रहे थे। बूढ़े व्यक्ति के लिए यह कठिन था। कन्फ्यूशियस का एक अनुयायी वहां से गुजर रहा था। वह इस वृद्ध से कहने लगा, 'क्या तुमने सुना नहीं? यह बहुत असभ्य है, पुराना है। तुम अपनी श्वास क्यों नष्ट कर रहे हो? अब बैल इस्तेमाल किये जा सकते हैं, घोड़े इस्तेमाल किये जा सकते हैं। क्या तुमने सुना नहीं है कि नगरों