Book Title: Patanjali Yoga Sutra Part 01
Author(s): Osho
Publisher: Unknown

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Page 465
________________ जब प्रेम नहीं रहता तो तुम कृपण बन जाते हो क्योंकि तुम भयभीत होते हो। तुम्हारे पास प्रेम का आश्रय नहीं होता, इसलिए तुम्हें जरूरत रहती है किसी और की धन एक अभाव पूर्ति बन जाता है। समाज भी चाहता है तुम जमा करके रखो, क्योंकि धन किस प्रकार बनाया जाता है? यदि हर कोई प्रेमी बन गया होता, तो समाज बहुत बहुत समृद्ध हो जाता, लेकिन समृद्ध होता संपूर्णतया अलग ढंग से। वह भौतिक रूप से दखि हो सकता है, लेकिन आध्यात्मिक रूप से वह समृद्ध ही होगा । फिर भी, वह समृद्धि दिखाई नहीं देती। समाज को चाहिए आखों से दिखने वाला धन। तो सारे संसार में, धर्म, समाज, संस्कृति एक साजिश में हैं क्योंकि तुम्हारे पास तो होती है केवल एक ही ऊर्जा वह है प्रेम-ऊर्जा। यदि यह ठीक तरह प्रेम में बहती है तो इसे विवश नहीं किया जा सकता कहीं और बहने के लिए। यदि तुम प्रेम नहीं करते, तो तुम्हारे प्रेम का अभाव ही वितान का कोई अनुसंधान बन सकता है। फ्रायड ने सत्य की बहुत सी झलकियां पायीं। वह वस्तुतः ही एक अनूठा व्यक्ति था, इसलिए बहुत सारी अंतर्दृष्टियां घटित हुई उसे उसने कहा था कि जब कभी तुम किसी चीज में गहरे उतरते हो, तो वह होता है सी में गहरे उतरना ही। और यदि सी न मिले, तो तुम किसी और चीज में गहरे रूप से उतरने की कोशिश करोगे। तुम शायद देश के प्रधानमंत्री बनने की ओर बढ़ने लगो तुम राजनेताओं को प्रेमी के रूप में कभी नहीं पाओगे। वे हमेशा प्रेम का बलिदान कर देंगे अपनी सत्ता - शक्ति की खातिर । वैज्ञानिक कभी न होंगे प्रेमी, क्योंकि यदि वे प्रेमी हो जायें तो वे विश्रांत रहें। उन्हें चाहिए होता है तनाव, एक निरंतर आवेश। प्रेम विश्रांति अनुभव करता है, निरंतर आवेश संभव नहीं होता। वे पागलों की तरह जुटे रहते हैं अपनी प्रयोगशालओ में। वे आविष्ट होते हैं, काम द्वारा अभिभूत होते हैं रात-दिन वे काम करते रहते है। इतिहास जानता है कि जब किसी देश की प्रेम आवश्यकता परिपूर्ण हो जाती है, तो देश कमजोर हो जाता है। तब वह पराजित किया जा सकता है। इसलिए प्रेम की चाह परिपूर्ण नहीं होनी चाहिए। तब देश खतरनाक हो जाता है क्योंकि हर कोई पगलाया हुआ होता है और लड़ने को तैयार रहता है जरा-सा कारण पाकर ही हर कोई तैयार हो जाता है लड़ने के लिए यदि प्रेम की आवश्यकता पूरी हो जाती है तो किसे परवाह रहती है? जरा सोचना, यदि वास्तव में ही सारा देश प्रेम में पड़ गया हो और कोई आक्रमण कर दे। तो उस देश के लोग उससे कहेंगे ठीक है, तुम भी आ जाओ और रह जाओ यहीं क्यों परेशानी उठा रहे हो! हम इतने सुखी हैं, तो तुम भी आ जाओ। देश बहुत विशाल है, तो तुम भी आ जाओ यहां और सुखी बनो और यदि तुम शासक ही होना चाहते हो तो हो जाओ शासक। कुछ गलत नहीं, यह ठीक है ही तुम ले लो जिम्मेदारी । यह अच्छा है।

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