________________
झटका देने की विधि सीधी होती है यह फौरन तुम्हें सहज यथार्थ तक उतार देती है। मेरी अपनी विधियां चौंकाने वाली है। वे क्रमबद्ध नहीं हैं। मेरे साथ तुम इसी जन्म में प्राप्त करने की आशा कर सकते हो, पतंजलि के साथ बहुत से जन्मों की आवश्यकता होगी। मेरे साथ तुम बिलकुल अभी प्राप्त कर लेने की आशा भी रख सकते हो। लेकिन फिर भी तुम्हें बहुत सारी चीजें करनी होंग इससे पहले कि तुम प्राप्त करो।
तुम जानते हो अहंकार मिट जायेगा, तुम जानते हो कामवासना तिरोहित हो जायेगी। तब कामवासना की कोई संभावना नहीं होती। एक बार तुम उपलब्ध हो जाओ, ये बातें बेतुकी हो जाती हैं, हास्यास्पद तो तुम सोचते हो, थोड़ी देर और प्रतीक्षा करने में हर्ज क्या है? मुझे थोड़ा और रस । लेने दो।' क्रोध संभव न होगा, हिंसा की संभावना नहीं होगी, ईर्ष्या नहीं होगी, मालकियत, चालाकियो भरी योजनाएं नहीं होंगी। वे सारी चीजें तिरोहित हो जायेंगी ।
तुम अचानक अनुभव करते हो, 'यदि ये सब मिट जायेंगी, तो मैं क्या रहूंगा?' क्योंकि इन सबके सम्मिश्रण के, इन सबकी गठरी के अतिरिका तुम कुछ हो नहीं। यदि ये सब मिट जायें, तो केवल शून्यता बची रहती है। वह शून्यता तुम्हें डरा देती है। यह अगाध खाई जैसी जान पड़ती है। तुम अपनी आंखें बंद कर लेना चाहते हो और थोड़ी देर और सपने देख लेना चाहते हो। यह ऐसे है जैसे जब तुम सुबह उठते हो, और पांच मिनट के लिए दूसरी तरफ करवट लेना चाहते हो और थोड़ी ज्यादा देर सपना देखना चाहते हो क्योंकि इतना सुंदर था वह सपना ।
एक रात मुल्ला नसरुद्दीन ने अपनी पत्नी को जगाया और उससे बोला, 'मेरा चश्मा फौरन लाओ। मैं इतना सुंदर सपना देख रहा था, और उससे भी ज्यादा अच्छे का आश्वासन था।'
इच्छाएं हमेशा तुम्हें विश्वास दिलाये जा रही हैं। अधिक का हमेशा आश्वासन है वे कहती हैं, यह कर लो। वह कर लो। जब संबोधि हमेशा संभव है तो क्यों जल्दी करनी ? तुम कभी भी कर सकते हो, कोई जल्दी नहीं है। तुम इसे स्थगित कर सकते हो यह अनंतकाल का प्रश्न है, अनंतकाल से संबंधित है, तो क्यों न इस क्षण आनंद मना लें ? तुमने कभी आनंद मनाया नहीं, क्योंकि बिना आंतरिक समझ वाला आदमी किसी चीज का आनंद मना नहीं सकता है। वह सिर्फ पीड़ा भोगता है, हर चीज उसके लिए पीड़ा बन जाती है। प्रेम, प्रेम जैसी चीज उसमें भी वह पीड़ा पाता है। सोये हुए आदमी के लिए सबसे अधिक सुंदर घटना संभव है प्रेम की, लेकिन वह उसके
द्वारा भी पीड़ा भोगता है जब तुम सोये हुए होते हो तो इससे बेहतर बात संभव नहीं। प्रेम महानतम संभावना है, लेकिन तुम इसके द्वारा भी पीड़ा पाते हो। क्योंकि सवाल प्रेम का या दूसरी किसी चीज का नहीं है। नींद है पीड़ा, अतः जो कुछ भी घटता है, उससे तुम पीड़ा पाओगे। नींद हर स्वप्न को दुः स्वम्न में बदल देती है। यह बड़े सुंदर ढंग से शुरू होता है, लेकिन कोई न कोई चीज हमेशा गलत हो जाती है कहीं न कहीं अंत में तुम नरक तक पहुंच जाते हो।