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हैं-या तो तुम मेरी प्रेमपूर्ण मनोदशा स्वीकार कर लो या तुम मुझे विवश कर दो यह दिखाने को कि मैं तुम्हें प्रेम करता हूं; चाहे मैं प्रेम अनुभव कर रहा हूं या नहीं। यदि तुम विवश करते हो, तो मैं झूठ बन जाता हूं और संबंध एक दिखावा बन जाता है, एक पाखंड। तब हम एक-दूसरे के प्रति सच्चे नहीं होते। और वे दो व्यक्ति जो एक-दूसरे के प्रति सच्चे नहीं, प्रेम में किस तरह पड़ सकते है? उनका संबंध एक जड़ निर्धारण, फिक्सेशन बन जायेगा।
पत्नी और पति जड़ होते हैं, मुरदा। हर चीज निश्चित है। वे एक-दूसरे के प्रति ऐसा व्यवहार करते हैं जैसे कि दूसरा कोई एक वस्तु हो। जब तुम घर लौटते हो, तो तुम्हारा फर्नीचर वही होता है। क्योंकि फर्नीचर मुरदा होता है। तुम्हारा घर वही है,क्योंकि घर मुरदा है। लोकेन तुम अपनी पली से वही होने की आशा नहीं रखते। वह जीवंत है, एक व्यक्ति है। यदि तुम उससे वही होने की आशा रखते हो जैसी कि वह तब थी जब तूमने घर छोड़ा था, तब तुम उसे फर्नीचर की भांति होने के लिए बाध्य कर रहे हो, मात्र एक वस्तु होने के लिए। मोह संबंधित व्यक्तियों को बाध्य करता है वस्तुएं हो जाने के लिए। और प्रेम व्यक्तियों की मदद करता है ज्यादा स्वतंत्र होने के लिए, ज्यादा सच्चे होने के लिए। सत्य केवल सतत प्रवाह में हो सकता है,वह कभी जमा हुआ नहीं हो सकता।
जब पतंजलि कहते हैं 'अ-मोह', तब वे तुम्हारे प्रेम को मारने की बात नहीं कह रहे हैं। बल्कि, उल्टे वे उस सबको जो तुम्हारे प्रेम को जहरीला बनाता है, मारने के लिए, सारी बाधाओं को खअ करने के लिए कह रहे हैं। जो तुम्हारे प्रेम को मार डालती हैं, उन सारी बाधाओं को नष्ट करने के लिए कह रहे हैं। केवल एक योगी प्रेमपूर्ण हो सकता है। सांसारिक व्यक्ति प्रेमपूर्ण नहीं हो सकता, वह केवल आसक्त हो सकता है।
___ इसे ध्यान में रखना-मोह का अर्थ है जड़ हो जाना। तुम किसी नयी चीज को स्वीकार नहीं कर सकते, केवल अतीत को करते हो। तुम वर्तमान को नहीं आने दे सकते। किसी चीज को बदलने के लिए तुम भविष्य को आने नहीं देते। लेकिन जीवन एक परिवर्तन है। केवल मृत्यु अपरिवर्तनशील
यदि तुम अनासक्त होते हो तो पल-दर-पल तुम आगे बढ़ते हो बगैर किसी जड़ता के। हर क्षण जिंदगो तुम्हारे लिए नयी खुशियां लायेगी, नये दुख लायेगी। अंधेरी रातें होंगी और उजले दिवस होंगे, लेकिन तुम खुले होते हो, तुम जडू-मना नहीं होते। और जब तुम्हारा जड़ हुआ मन नहीं होता, तो कोई दुखद स्थिति भी तुम्हें दुख नहीं दे सकती, क्योंकि उससे तुलना करने के लिए तुम्हारे पास कोई चीज नहीं है। तुम किसी और चीज की अपेक्षा नहीं रख रहे थे इसलिए तुम निराश नहीं हो सकते।
तुम मांगों के कारण विफल हो जाते हो। उदाहरण के लिए तुम सोचते हो कि जब तुम घर लौटो तो तुम्हारी पली बाहर ही तुम्हारे स्वागत के लिए खड़ा हुई होगी। यदि वह तुम्हारे स्वागत के