Book Title: Parshvanath Charitra Ek Samikshatmak Adhyayana
Author(s): Surendrakumar Jain
Publisher: Digambar Jain Atishay Kshetra Mandir

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Page 64
________________ 350 __"कल्पसूत्र'' के अनुसार. आर्यिका प्रधान पुष्यचूला थी208, जबकि 'पासणाहचरिंउ' के अनुसार उसका नाम प्रभावती था209 "कल्पसूत्र'' के अनुसार , पार्श्वनाथ ने श्रावण शुक्ला अष्टमी के दिन निर्वाण प्राप्त किया210, जबकि 'पासणाहचरिउ' के अनुसार उन्होंने श्रावणशुक्ला सप्तमी के दिन निवाण प्राप्त किया।11 'कल्पसूत्र' और 'पासणाहचरिउ' (रइधू) के आधार पर भ. पार्श्वनाथ के संघ की तुलना : पद का नाम कल्पसत्र पासणाहचरिउ-३ साधु 76000 1800 पूर्वधर 414 अवधिज्ञानी 1400 1500 केवली 1000 21500 विक्रियाधारी 1100 4500 विपुलपतिधारी 900 (मन:पर्यय) श्रुतज्ञानी वादि 600 आर्यिका 38000 38000 श्रावक 164000 100000 श्राविका 327000 300000 मुक्त स्थान को प्राप्त 1090 करने वाली स्त्रियाँ कुल योग 540200 470504 750 208 कल्पसूत्र 157 209 रइथू : पास, 41205 210 कल्पसूत्र 159 211 रइधू : पास. 7:3-7 212 कल्पसूत्र 157 215 रइधू : पास. 712 RESISesxsiusrustusrestess 40 Sisterestsrusesxesy

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