Book Title: Parshvanath Charitra Ek Samikshatmak Adhyayana
Author(s): Surendrakumar Jain
Publisher: Digambar Jain Atishay Kshetra Mandir
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__"कल्पसूत्र'' के अनुसार. आर्यिका प्रधान पुष्यचूला थी208, जबकि 'पासणाहचरिंउ' के अनुसार उसका नाम प्रभावती था209
"कल्पसूत्र'' के अनुसार , पार्श्वनाथ ने श्रावण शुक्ला अष्टमी के दिन निर्वाण प्राप्त किया210, जबकि 'पासणाहचरिउ' के अनुसार उन्होंने श्रावणशुक्ला सप्तमी के दिन निवाण प्राप्त किया।11
'कल्पसूत्र' और 'पासणाहचरिउ' (रइधू) के आधार पर भ. पार्श्वनाथ के संघ की तुलना : पद का नाम कल्पसत्र
पासणाहचरिउ-३ साधु 76000
1800 पूर्वधर
414 अवधिज्ञानी
1400
1500 केवली
1000
21500 विक्रियाधारी
1100
4500 विपुलपतिधारी
900
(मन:पर्यय) श्रुतज्ञानी वादि
600 आर्यिका 38000
38000 श्रावक 164000
100000 श्राविका 327000
300000 मुक्त स्थान को प्राप्त
1090 करने वाली स्त्रियाँ कुल योग 540200
470504
750
208 कल्पसूत्र 157 209 रइथू : पास, 41205 210 कल्पसूत्र 159 211 रइधू : पास. 7:3-7 212 कल्पसूत्र 157 215 रइधू : पास. 712 RESISesxsiusrustusrestess 40 Sisterestsrusesxesy