Book Title: Parshvanath Charitra Ek Samikshatmak Adhyayana
Author(s): Surendrakumar Jain
Publisher: Digambar Jain Atishay Kshetra Mandir
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आठ - अट्ठ 5/20 आत्म = अप्पर 1/3 अपवर्ग = अपवग्गठ 5/18
निकृष्ट = णिकिट्ठ 6/4 व्यंजन सम्बन्धी विशेषतायें -
श, ष के स्थान पर स हो जाता हैशोभित = सोहिय 1/10 निशाकर = णिसायर 1/10 शक्तया = सत्तिए 1.9 शिव .. सिव शास्त्रार्थ = सत्थत्थ 1/3 यश
जस 1/4 दोष
दोसु 414 रोष
सेसु 4/4 विषय = बिसय 4/5 स के स्थान पर क्वचित ह दृष्टिगोचर होता है
दसयोजन = दहजोयण 5/27
दसलक्षण दहलक्खणु 5/3 त के स्थान पर क्वचित् ह दृष्टिगोचर होता है-'
भरत = .भरह 1/1
भारत : भारह 1/9 प के स्थान पर व होता है
पाप ____ = . पाव उपवास = उवासु
5/7 उपरि : उवरि 4/15 दीप - दीव 2/13
रूप - रूव 5/5 व्यञ्जन लोप के बाद य-श्रुति का आगम
पोसित .. पोसिय 1/1