Book Title: Parshvanath Charitra Ek Samikshatmak Adhyayana
Author(s): Surendrakumar Jain
Publisher: Digambar Jain Atishay Kshetra Mandir

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Page 272
________________ sxesxesexSSSXSTATESTEReshusiasrustushastraskay 18. जैन निबन्ध रत्नावली मिलापचन्द कटारिया 19. जैन साहित्य और पं. नाथू राम प्रेमी हिन्दो ग्रन्थ्य रत्नाकर इतिहास कार्यालय, हीरावाग गिरगाँव, बम्बई, प्र.सं. 20. जैन बालगुटका ज्ञानचन्द्र जैनो 21. जैन साहित्य का वृहद अम्बालाल प्रे. शाह पार्श्वनाथ विद्याश्रम शोध इतिहास (भाग-5) संस्थान, वाराणसी, प्र.मं. 22. जैन साहित्य का बृहद् डा. गुलाबचन्द चौधरी पाश्नाथ विद्याश्रम शोध - इतिहास ( भाग 6) संस्थान, वाराणसी 1975 ई. प्र.सं. 23. जैन सूत्राज (दि भाग) 24. तिलोयपारगती डॉ. यतिवृषभ जीत्रराज जैन ग्रन्याला संस्कृति संरक्षक संघ म. डॉ. ए. एन. उपाध्ये फखटण गली, सोलापुर, और हीरालाल जैन प्र.सं. 25. तत्वार्धवार्तिक - कद्देल ५, २ . माशी, प्र.मं. 26. तत्वार्थमूत्र आ. उमास्वामि गणेसणप्रसाद वाणी जैन ग्रथमाला ,नरिया, वाराणसी. प्र.सं. 27. तोथंकर महावीर और डॉ.नेमिचन्द्र शास्त्री भा.. द. जैन विद्वत् परिषद्, उनकी आचार्य परम्परा सागर (म. प्र.) 28. हिसन्धान महाकाव्य भारतीय ज्ञानपीठ, काशी, प्र.सं. 1944 ई. 29. द्रव्य संग्रह 30. दर्शनसार देवसेनाचार्य श्रीनाथराम प्रेमी, मन्त्री जैन ग्रन्थ रत्नाकर कार्यालय, हीरा बाग, बम्बई। 31. उत्तराध्ययन सूत्र सम्पा. जालशारपेण्टियर 32. दीघनिकाय सम्या. भिक्षु जगदीश कश्यप बिहार राज्य पालि प्रकाशन मण्डल, नालन्दा (पटना) 1958 ई. 33. नीतिवाक्यामृत सोमदेव मूरि सम्या. सुन्दरलाल शास्त्री धनञ्जय

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