Book Title: Parshvanath Charitra Ek Samikshatmak Adhyayana
Author(s): Surendrakumar Jain
Publisher: Digambar Jain Atishay Kshetra Mandir

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Page 273
________________ 34. निशीथसूत्र मम्मा. उपाध्याय अमरमुनि एम. एल. शमा 35. नीतिवाक्यामुन में राजनीति 36. पदमचरित (भाग 1,2,) 37. पार्श्वनाथ चरित आचार्य विषण सति ज्ञानपीइआगरा, अ.स भारतीय ज्ञानपीट काशी, प्र.सं. भागि आनपाठ, काशी, प्र.सं. माणिकचन्द दि. जैन ग्रन्थमाला. समिति, बम्बई, वि.सं. 1973 ई. वादिराज मूरि सम्पा. मनोहरलाल शास्त्री 3. पाश्वपुरण भूधरदास 39. पउचिरय लिपल्ला 40. प्रवचनसार आचायं कुन्दन 41. पद्मनन्दि पविशति पथमनन्दि 42. पदमचरित में प्रतिपादित डॉ. सोश चन्दन। भारतीय संस्कृति ग्राकृत कम्ट सोमाइटी, वाराणी। दि. जैन स्वाध्याय मन्दिर ट्रस्ट, सोनगढ़ जीवराज ग्रन्थमाला शोलापुर। भा.. जैन महासभा प्राांसस्थान पीयूष भारती, जैन मन्दिर के पार बिजनौर (उ.प्र.) दि. जैन परिपट, पब्लिशिंग हाउस, देहली। चौखम्भा संस्कृत सीरीज, आफिस, वाराणसी। जैक प्रचार समिति जात स्थान | दार्ग, गुजफ्फरनगर ( उ. प्र.) 43. पुरुषार्थसिद्धयुपाय आचार्य समृनचन्द्र डॉ. जगदीश चन्द्र जैन 44. प्राकृत साहित्य का तिहास 45. पार्श्वनाथ चौरंत का समीक्षात्मक अध्ययन डॉ. जयकुमार जैग 46. वृहत्संहिता 47. प्राकृत और अपभ्रंश साहित्य तथा उसका वराहमिहिर रासिंह तामा हिन्दी परिषद प्रकाशन प्रयाग विश्वविद्यालय, प्र. सं. हिन्दी पर प्रभात्र 1963 ई.

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