Book Title: Parshvanath Charitra Ek Samikshatmak Adhyayana
Author(s): Surendrakumar Jain
Publisher: Digambar Jain Atishay Kshetra Mandir

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Page 275
________________ 70. समवायांग 71. सिरिपासनाहचरिठ देवभद्रसूरि 72. स्थानाङ्ग 13. साहित्यदर्पण विश्वनाथ चौखम्बा विद्या भवन, वाराणसी, चतुर्थ संस्करण, 1976 ई.. 74. सवार्थसिद्धि आचाथं पूज्यपाद भारताम ज्ञानपाठ, कारा अनु. पं. फूलचन्द्र शास्त्री 75. सागार धर्मामृत पं. आशाघर भारतीय ज्ञानपीठ, देहली। 76. संस्कृत काव्यके डॉ. नेमिचन्द्र शास्त्री भारतीय ज्ञानपीठ, देहली। विकास में जैनाचार्यों | का योगदान 77. षट्खंडागम आ. पुष्प दन्त एवं भूतबलि जोत्रराज जैन ग्रन्थमाला { धवला टोका) शोलापुर 78. हरिभद्र के कृत डॉ नेमिचन्द्र शास्त्री प्राकृत, जैनधर्म एवं अहिंसा कथा साहित्य का शोध संस्थान, वैशाली आलोचनात्मक परिशीलन 79. हरिवंश पुराण आ. जिनसेन भारतीय ज्ञानपीठ काशी। 80 हिस्ट्री आफ दिवर्ल्ड हमसवार्थ 81. क्षत्रिय क्लेन्स इन बुद्धिस्ट इण्डिया 82. त्रिलोकसार पत्र-पत्रिकायें- पार्श्वज्योति, अनेकान्त, माइन रिव्यू, जैन विद्या , जन एण्टीक्वेरी

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