Book Title: Parshvanath Charitra Ek Samikshatmak Adhyayana
Author(s): Surendrakumar Jain
Publisher: Digambar Jain Atishay Kshetra Mandir
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ध-ह
बोहि पहाण :ोहि
1/2 13
बोधि प्रधान = जो विविध = धम्माधम्म = दु:खित
विविह
धम्माहम्म 11 दुहिय
ख-ह
मुख
मुह
3/22
घ-ह दीर्घायुष्य - दीहाउसु 3/23 लघु
लहु 5/12 य के स्थान पर ज पाया जाता है
वासुपूज्य = वासुपुन्जु 11 यान
जाणु
जुवलें 5/23 यत्र
जस्थ 4/14 यथा
जेहउ 6/13 यदि
जह 3/12 यतिवर
जइवरु यति
जई
1/2 यक्ष ___= जक्ख 774 . कहीं-कहीं य के स्थान पर व पाया जाता है.
__ आयु = आव 5/26 ज के स्थान में य पाया जाता है ___ध्वजपंक्ति
धयपति रजनी = रयणि तेज
तेय 275 र को कहीं-कहीं ल होता है चरण
चलण सामान्यतया र को र ही होता हैं। जैसे
- पुराउ614
51
पुरात्