Book Title: Parshvanath Charitra Ek Samikshatmak Adhyayana
Author(s): Surendrakumar Jain
Publisher: Digambar Jain Atishay Kshetra Mandir
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पुराणु पुरिसोत्तमु
7/6 7/1
पुराण
पुरुषोत्तम घोषीकरण की प्रवृत्ति
पटह जटित कटिसूत्र
पडह
जडिद
=
कडिसुत्त
2/6 2:11 2/14 4:15 415
घट . छ ज्यों का त्यों रहता है
छना
छण्णा
4:8 2/5
छत्त
517
5/19
छिद्र
4/8 5/9 56
5/10
63
छदम छल = छन छिन्ा = छिण्ण
छिद्द छुरिका
छुरिय छन्द .. छंद ड के स्थान पर ल होता है
क्रीडा कील त के स्थान पर कहीं ल होता है
विद्युत = विजुल
विकृत = विट्टलु ष को कहीं-कहीं छ होता है
षट्खण्ड = छक्खंड षट्कर्म
छक्कम्म षट्चरण = छचरण षष्ठ
छट्ठ षष्टमे = छट्ठमि षट्नवति । छण्णव
6/10
3/19
5/18
6/2 4/15 S/16 5/17 6/15