Book Title: Parshvanath Charitra Ek Samikshatmak Adhyayana
Author(s): Surendrakumar Jain
Publisher: Digambar Jain Atishay Kshetra Mandir
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विराजमान हो गए। वह मदोन्मत्त हाथी उन्हें देखकर मारने के लिए उद्यत हुआ, परन्तु उनके वक्षस्थल पर श्रीवत्स का चिह्न देखकर उसे अपने पूर्वजन्म का स्मरण हो गया। उसने मुनिराज से धर्म का स्वरूप अच्छी तरह जानकर प्रोषधोपवास आदि श्रावक के व्रत ग्रहण किये। व्रताचरण करते हुए एक बार जब वह पानी पीने वेगवती नदी के दह में गया तो वहीं कृशकाब होने से कीचड़ में फंस गया। दुराचारी कमठ का जीव वहीं मरकर कुक्कुट नामक सर्प हुआ था। उसने पूर्वजन्म के बैंर के वशीभूत हो उस हाथी (वज्रघोष) को काट खाया, जिससे वह मरकर सहस्त्रा स्वर्ग में सोलह सागर की आयु वाला देव हुआ।
सहस्रा स्वर्ग में सुख- भोग भोगने के बाद आयु के अन्त में वहाँ से चयकर जम्बू द्वीप के पूर्व विदेह क्षेत्र के पुष्कलावती देश के विजयाई पर्वत पर विद्यमान त्रिलोकोत्तम नामक नगर में वहाँ के राजा विद्युद्गति और रानी विद्युन्माला के यहाँ रश्मिवेग नामक पुत्र के रूप में उत्पन्न हुआ। यौवन के अन्त में रश्मिवेग ने समाधिगप्ति मनि से दीक्षा धारण कर ली। किसी एक दिन वह मुनि जब हिमालय की गुफा में तः तीन थे, तभ, जिस फुझुट साने चघोष हाथी को काटा था, वही पापी धूमप्रभा नरक के दुःख भोग कर निकला और वहीं पर अजगर हुआ। उस अजगर ने मुनि रश्मिवेग को निगल लिया जिससे मरकर वह अच्युत स्वर्ग के पुष्कर विमान में बाईस सागर की आयु वाला देव
स्वर्ग में आयु की समाप्ति पर वह पुण्यात्मा (मरुभूति का जीव) जम्बूद्वीप के पश्चिम विदेह क्षेत्र में पद्म देश के अश्वपुर नामक नगर में राजा अनन्तवीर्य
और रानी विजया के यहाँ बज्रनाभि नामक पुत्र के रूप में उत्पत्र हुआ। चक्रवती की विभूति से युक्त होने पर भी एक दिन क्षेमंकर महाराज से धर्म श्रवण कर संयम धारण कर लिया। इधर कमठ का जीव भी अजगर की पर्याय से छठे नरक में जाकर वहाँ बाईस सागर का दुःख भोगने के बाद कुरंग नामक भील हआ। मनि वेश में बज्रनाभि जब तप कर रहे थे तभी कमठ के जीव उस कुरंग भील ने उन्हें बाण से प्रहार कर मार डाला। वहाँ से मृत्यु के बाद वे मुनि मध्यम ग्रैवेयक के मध्यम विमान में अहमिन्द्र हुए।
सत्ताईस सागर की आयु तक दिव्य भोग भोगने के बाद वह अहमिन्द्र (मरुभूति का जीव) जम्बूद्वीपस्थ कौशलदेश के अयोध्या नगर में काश्यप गोत्री Msrussiastesterestesterstusxesxesexessses