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राजनैतिक और सैनिक महत्व
महाराजा अजितसिंह और ओसवाल मुत्सद्दी
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महाराजा जसवंतसिंहजी के बाद महाराजा अजितसिंहजी जोधपुर के राज्य सिंहासन पर बिराजे । कहने की आवश्यकता नहीं कि जिस समय महाराजा अजितसिंहजी का उदय हो रहा था, उस समय भारत के राजनैतिक गगन मण्डल में विविध प्रकार के षड्यंत्रों की सृष्टि हो रही थी। बादशाह औरगजेब की अत्याचार पूर्ण नीति ने मुगल साम्राज्य की नींव खोखली कर दी थी। जब तक औरंगजेब जीवित रहा तब तक मुगल सम्राज्य ज्यों त्यों कर कायम रहा, पर ज्योंही उसने इस संसार से कूँच किया त्योंही उसकी नींव हिलने लगी । सम्राट् औरंगजेब के बाद जितने मुगल सम्राट् हुए वे सब कमजोर और राजनीति से शून्य थे विजीर और शक्तिशाली राजाओं ने उन लोगों को अपने हाथ की कंठपुतलियाँ बना रखा था। महाराजा अजितसिंहजी ने भी मुगाल सम्राटों की इस कमजोरी से खुब फायदा उठाया और वे बड़े शक्तिशाली बन गये। अगर हम यह कहें तो अत्युक्ति न होगी कि भारत की तत्कालीन राजनीति के मैदान में उन्होंने बड़े २ खेल खेले । उस समय उनके पास बड़े २ राजनीति धुरंधर मुत्सद्दी थे जिनमें भण्डारी खींवसी और भण्डारी रघुनाथसिंह का नाम विशेष उल्लेखनीय है। इन दोनों महानुभावों ने न केवल जोधपुर राज्य की राजनीति ही में महत्वपूर्ण भाग लिया वरन् अखिल भारतवर्षीय राजनीति के क्षेत्र में भी बहुत बड़े मार्के के काम किये । फारसी और अंग्रेजी के इतिहास ग्रन्थों में इनके कार्यों का बड़ा ही सुन्दर वर्णन किया गया है। . भण्डारी खींवसी
भण्डारी खींवसीजी बड़े सफल राजनीतिज्ञ थे । तत्कालीन मुगल सम्राट पर उनका बड़ा प्रभाव था । मुगल साम्राज्य की सरकार के पास जब जब जोधपुर राज्य की हित रक्षा का प्रश्न उपस्थित होता था सब तब आप बादशाह की सेवा में हाजिर होकर बड़ी चतुराई के साथ जोधपुर राज्य सम्बन्धी प्रश्नों का फैसला करवा लेते थे । आपको महीनों नहीं वर्षों तक मुगल सम्राट के दरबार में रहना पड़ता था। . इतना ही नहीं उस वक्त के कमजोर मुगल सम्राटों को बनाने और बिगाड़ने का काम तक आपको करना पड़ता था । जब संवत् १७७६ में बादशाह फर्रुखशियर को उसके वजीर सैयद बन्धुओं ने मरवा डाला, उस वक्त महाराजा अजितसिंहजी ने राजा रत्नसिंहजी एवं भण्डारी खींवसीजी को दिल्ली के लिये रवाना किया। इन्होंने दिल्ली पहुंचकर नवाब अब्दुल्लाखों की सम्मति से शाहजादा मुहम्मदशाह को तख्त पर बिठा दिया। फारसी तवारिखें भा भण्डारी खींवसीजी की तत्कालीन राजनैतिक गतिविधियों का सुन्दर विवेचन करती हैं।