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२. निरय
३. रौरव
४. भ्रान्त
६०,००० वर्ष
६० लाख वर्ष
असंख्यात पूर्वकोटी
५. उद्भ्रान्त
१/१० सागर
६.
संभान्तु
२/१० मापा
३/१० सागर
७. असंभ्रान्त ८. विभ्रान्त
१० सागर
९. त्रस्त
५/१० सागर
१०. त्रसित
६/१० सागर
११. वक्रांत
७/१० सागर
१२. अवक्रांत
८/१० सागर
६/१० सागर
१३. विक्रांत
६/१० सागर
१ सागर
इसी प्रकार शर्कराप्रभा आदि पृथ्वियों में भी प्रत्येक पटल में स्थित नारकियों की आयु जान लेनी चाहिए। विधि इस प्रकार हैउत्कृष्ट स्थिति में से जघन्य स्थिति को घटाने पर जो शेष रहे उसे प्रतरों - पटलों की संख्या से भाजित करें। जो लब्ध आवे उसे पूर्व पृथ्वी की उत्कृष्ट स्थिति में जोड़ दें। ऐसा करने से दूसरी पृथ्वी के प्रथम पटल की उत्कृष्ट स्थिति निकलती है। आगे यही इष्ट जोड़ते जाना चाहिए ।
६० लाख वर्ष असंख्यात पूर्वकोटी
१/१० सागर
२/१० सागर
३८१० सागर
४./१० सागर
५/१० सागर
६/१० सागर
७/१० सागर
(२६)
८/१० सागर