Book Title: Karananuyoga Part 3
Author(s): Pannalal Jain
Publisher: Bharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha

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Page 68
________________ में जब सूर्य भ्रमण करता है, तब दिन १८ मुहूर्त (१४ घं. २४ मि.) का और रात्रि १२ मुहूर्त (६ घं. ३६ मि.) की होती है, किन्तु जन यही सूर्य बाइन (अन्तिम परिधि में मा करना है, तब दिन १२ मुहूर्त का और रात्रि १८ मुहूर्त की होती है। श्रावण माह में कर्क राशि पर स्थित सूर्य अभ्यन्तर परिधि में भ्रमण करता है। माघ माह में मकर राशि पर स्थित सूर्य सबसे बाह्य परिधि में भ्रमण करता है। क्षेत्र की दूरी और गति की हीनाधिकता से दिन छोटे-बड़े होते हैं । भ्रमण द्वारा दो सूर्य एक परिधि को ३० मुहूर्त में पूरा करते हैं। ६८. प्रश्न : दक्षिणायन-उत्तरायण किसे कहते हैं ? उत्तर : सूर्य के प्रथम वीथी में स्थित होने से दक्षिणायन का और अन्तिम वीथी में स्थित होने से उत्तरायण का प्रारम्भ होता है। श्रावण माह से पौष माह तक (१८३ दिन) सूर्य दक्षिणायन तथा माघ माह से आषाढ़ माह तक (१८३ दिन) उत्तरायण रहता है। दक्षिणायन के प्रारम्भ के साथ पञ्च वर्षात्मक युग का प्रारम्भ होता ६६. प्रश्न : सूर्य का ताप कहाँ तक फैलता है ? उत्तर : उभ्यन्तर वीथी में स्थित सूर्य की अपेक्षा कथन-जम्बूद्वीप के व्यास का अर्ध भाग ५०,००० योजन है। इसमें से द्वीप (५६)

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