Book Title: Karananuyoga Part 3 Author(s): Pannalal Jain Publisher: Bharat Varshiya Digambar Jain MahasabhaPage 94
________________ चित्रा पृथ्वी के बहुपभ्य में एक लौड़े क्षेत्र के भीतर एक - एक को चारों ओर से घेरे हुए गोलाकार द्वीप एवं समुद्र अवस्थित हैं। इनमें सबसे पहले जम्बूद्वीप नामक द्वीप और अन्त में स्वयम्भूरमण नामक समुद्र स्थित है। मध्य में असंख्यात् द्वीप - समुद्र हैं। सब समुद्र वज्रापृथ्वी पर स्थित हैं और सब द्वीप चित्रा पृथ्वी पर स्थित हैं । " १४३. प्रश्न तिर्यग्लोक के प्रारम्भिक कुछ द्वीप - समुद्रों के नाम क्या हैं ? समुद्रों के जल आदिक के स्वाद की क्या विशेषता है ? कुण्डलवरद्वीप, कुण्डलवर समुद्र उत्तर : प्रथम जम्बू द्वीप, लवण समुद्र, धातकीखण्ड द्वीप, कालोद समुद्र, पुष्करवर द्वीप, पुष्करवर समुद्र, वारुणीवरद्वीप, वारुणीवर समुद्र, क्षीरवरद्वीप, क्षीरवर समुद्र, घृतवर द्वीप; घृतवर समुद्र, क्षौद्रवरद्वीप, क्षैद्रवर समुद्र, नन्दीश्वरद्वीप, नन्दीश्वर समुद्र ... अन्तिम स्वयम्भूरमण द्वीप एवं स्वयम्भूरमण समुद्र है। वारुणीवर, लवणाधि , घृतवर और क्षीरवर ये चार समुद्र अपने-अपने नामानुसार रस वाले, कालोद, पुष्करवर और स्वयम्भूरमण ये तीन समुद्र जल रस के स्वाभाविक स्वाद वाले ( उसमें पुष्करवर समुद्र में मधु सदृश जल है) और शेष समुद्र इक्षुरंस सदृश है। **++++ (८५) *****. *****Page Navigation
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