Book Title: Karananuyoga Part 3
Author(s): Pannalal Jain
Publisher: Bharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha

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Page 146
________________ से मिलाकर अनुभाग का घटाना अनुभाग काण्डक- घात है। २५४. प्रश्न : अनुभाग-काण्डकोत्कीरण काल क्या है ? उत्तर : अनुभाग काण्डक का घात जिस अन्तर्मुहूर्त में होता है उसे अनुभाग-काण्डकोत्कीरण काल कहते हैं। २५५. प्रश्न : गुणश्रेणी क्या है ? उत्तर : जहाँ गुणित क्रम से निषेकों में द्रव्य दिया जाता है, उसे गुणश्रेणी कहते हैं। २५६. प्रश्न : गुणहानि किसे कहते हैं ? उत्तर : जहाँ गुणाकार रूप हीन-हीन द्रव्य दिया जावे उसे गुणहानि कहते हैं। २५७. प्रश्न : फालि किसे कहते हैं ? उत्तर : बड़े समुदाय को छोटे-छोटे समूहों में विभाजित करने को फालि कहते हैं। फालि का अर्थ फाँक है जैसे- बड़े कुमड़ा को कॉकों के रूप में विभाजित किया जाता है, उसी प्रकार कर्मों के समूह को विभाजित करना। जैसे उपशम काल में प्रथम समय में जितने द्रव्य का उपशम किया जाता है, वह प्रथम फालि है और दूसरे समय में जितने द्रव्य का उपशम किया जाता है वह द्वितीय फालि है। (१३७)

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