Book Title: Karananuyoga Part 3
Author(s): Pannalal Jain
Publisher: Bharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha

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Page 144
________________ T J २४४. द्वितीय स्थिति किसे कहते हैं ? उत्तर : ऊपर के समस्त निषेकों को द्वितीय स्थिति कहते हैं । २४५. प्रश्न : उदयावली और प्रत्यावली किसे कहते हैं ? उत्तर : वर्तमान समय से लेकर आवली मात्र काल को और उस काल में स्थित निषेकों की आवली को उदयावली कहते हैं । उदयावली के आगे की आवली को द्वितीयावली अथवा प्रत्यावली कहते हैं । २४६. प्रश्न : अचलावली अथवा आबधावली किसे कहते हैं ? उत्तर : बन्ध के समय से लेकर एक आवली तक कर्मों की उदीरणा आदि नहीं होती है, अतः उस आवली को अचलावली या आबाधावली कहते हैं । २४७. प्रश्न : अतिस्थापनावली किसे कहते हैं ? उत्तर : जिन आवली मात्र निषेकों में द्रव्य का निक्षेपण नहीं किया जाता है, उन्हें अतिस्थापनावली कहते हैं । २४८. प्रश्न: द्रव्य - निक्षेपण का क्या अर्थ है ? उत्तर : अन्य निषेकों के परमाणुओं को अन्य निषेकों में निक्षिप्त करने को द्रव्यनिक्षेपण कहते हैं। (१३५)

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