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चार दिशाओं में चार जिनमन्दिर हैं। २१८. प्रश्न : कर्मभूमि का प्रवेश कब होता है एवं वहाँ स्थित
कुलकरों का स्वरूप कैसा है ? उत्तर : तृतीय काल में पल्य का आठवाँ भाग अवशिष्ट रहने पर प्रतिश्रुति से नाभिराय पर्यन्त १४ कुलकर हुए । नाभिराय कुलकर के पुत्र वृषभदेव प्रथम तीर्थकर हुए हैं। विदेह में सत्पात्रदान के फल से जिन्होने मुनष्यायु का बध करने के बाद क्षायिक सम्यक्त्व प्राप्त किया है, वे यहाँ क्षत्रिय कुल में उत्पन्न होते हैं। उनमें से कोई तो जातिस्मरण से और कोई अवधिज्ञान से संयुक्त होते हैं। २१६. प्रश्न : शलाका पुरुष किन्हें कहते हैं और वे कौन-कौन
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उत्तर : गणनीय मुख्य पुरुषों को शलाका पुरुष कहते हैं, वे ६३ होते हैं, जैसे २४ तीर्थकर, १२ चक्रवर्ती, ६ नारायण, ६ प्रतिनारायण
और ६ बलभद्र । एक-एक उत्सर्पिणी और अवसर्पिणी के युग में ये ६३ ही होते हैं। इन शलाका पुरुषों की उत्पत्ति भरत, ऐरावत
और विदेह क्षेत्र में होती है। ___ हुण्डावसर्पिणी कालदोष से शलाका पुरुषों की संख्या १५, ५६ एवं ६० मानी गई है। भगवान आदिनाथ तीसरे काल में ही मोक्ष चले गये थे और शान्तिनाथ, कुन्थुनाथ तथा अरनाथ के
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