Book Title: Karananuyoga Part 3
Author(s): Pannalal Jain
Publisher: Bharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha

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Page 133
________________ १२२. प्रश्न : चक्रवर्ती, बलदेव, नारायण, प्रतिनारायण एवं रुद्रों की गति क्या है ? उत्तर : मधवान और सनतकुमार ये दो चक्रवर्ती स्वर्ग गए हैं। सुभौम और ब्रह्मदत्त ये दो चक्रवती ७वें नरक गए हैं और शेष आठ चक्रवर्ती मोक्षपद को प्राप्त हुए हैं। नारायण, प्रतिनारायण नारद एवं रुद्र नरकगति को ही प्राप्त होते हैं, परन्तु कालान्तर में माक्षगामी होते हैं। आदि के आठ बलदेव मोक्ष गए हैं और अन्तिम बलदेव ब्रह्म स्वर्ग को प्राप्त हुए हैं, सो भी कृष्ण नारायण का जीव जब तीर्थकर होगा तब वे भी मोक्ष प्राप्त करेंगे। २२३. प्रश्न : तीर्थंकरों के शरीर का वर्ण कैसा है एवं वे कौन से यश में उत्पन्न हुए हैं ? उत्तर : पद्मप्रभ और वासुपूज्य ये दो तीर्थकर रक्तवर्ण, चन्द्रप्रभ और पुष्पदन्त श्वेतवर्ण, सुपार्श्वनाथ और पार्श्वनाथ नीलवर्ण, मुनिसुव्रत और नेमिनाथ कृष्णवर्ण तथा शेष सोलह तीर्थकर स्वर्ण सदृश वर्ण वाले थे। वासुपूज्य, मल्लिनाथ, नेमिनाथ, पार्श्वनाथ और महावीर ये पाँच तीर्थंकर बालब्रह्मचारी हुए हैं। अवशेष १८ तीर्थकरों का विवाह हुआ था। महावीर नाथ वंश में, पार्श्वनाथ उग्र वंश में, मुनिसुव्रत और नेमिनाथ हरि वंश में, धर्म, कुन्थु और (१२४)

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