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उत्तर : जम्बूद्वीप में ७ क्षेत्र हैं . भस्म, २. हेमवत, ३. हारे, ४. विदेह, ५. रम्यक, ६. हैरण्यवत् और ७. ऐरावत। __ भरत क्षेत्र का विस्तार जम्बूद्वीप का एक सौ नब्बेवाँ भाग अर्थात् ५२६ योजन है। आगे विदेह क्षेत्र तक क्षेत्र से दुगुना कुलाचल और कुलाचल से दुगुना क्षेत्र का विस्तार है। विदेह क्षेत्र से आगे ऐरावत क्षेत्र तक विस्तार आधा-आधा होता गया है। १६२. प्रश्न : कुलाचलों पर स्थित सरोवरों के क्या नाम हैं ?
सरोवरों में स्थित कमल और उन पर स्थित देवियों का
सामान्य परिचय क्या है ? उत्तर : हिमवान् आदि छह कुलाचलों पर क्रम से पद्म, महापद्म, तिगिञ्छ, केसरिन्, महापुण्डरीक और पुण्डरीक नाम के सरोवर हैं। पद्म सरोवर १,००० योजन लग्बा, ५०० योजन चौड़ा एवं १० योजन गहरा है। पद्य सरोवर के मध्य में एक योजन विस्तार वाला पृथ्वीकायिक १०११ पत्रों से युक्त कमल है। इसी प्रकार छह कुलाचलों के मध्य में स्थित कमलों पर क्रम से श्रीं, ही धृति, कीर्ति, बुद्धि और लक्ष्मी नाम की देवियाँ रहती हैं। कमलों की कर्णिका पर इन देवियों के भवन बने हुये हैं जो एक कोस लम्बे, आधा कोस चौड़े और कुछ कम एक कोस ऊँचे तथा सफेद रंग के हैं। मुख्य कमल के अतिरिक्त अन्य कमलों में सामानिक एवं
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