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उत्कृष्ट अवगाहना स्वयम्भूरमण समुद्र के मध्य में होने वाले महामत्स्य की होती है। इसका प्रमाण १००० योजन लम्बा, ५०० योजन चौड़ा एवं २५० योजन मोटा है।
१५७ प्रश्न: एकेन्द्रियादि जीवों की अपेक्षा उत्कृष्ट एवं जघन्य अवगाहना कितनी और किन जीवों के पाई जाती है ? उत्तर : एकैन्द्रियों में सबसे उत्कृष्ट कमल की कुछ अधिक एक हजार योजन, द्वीन्द्रियों में शंख की १२ योजन, त्रीन्द्रियों में ग्रैष्मी ( चींटी ) ३ कोस, चतुरिन्द्रियों में भ्रमर की एक योजन एवं पंचेन्द्रियों में महामत्स्य की एक हजार योजन लम्बी शरीर की उत्कृष्ट अवगाहना है ।
एकेन्द्रियों में सबसे जघन्य सूक्ष्म निगोदिया लब्ध्यपर्याप्त जीव की घनांगुल के असंख्यातवें भाग प्रमाण, द्वीन्द्रियों में अनुंधरी की धनांगुल की संख्यातवें भाग प्रमाण, त्रीन्द्रियों में कुन्धु की द्वीन्द्रियों से संख्यातगुणी, चतुरिन्द्रियों में काणमक्षिका की त्रीन्द्रियों से संख्यातगुणी, पंचेन्द्रियों में सिक्थमत्स्य की चतुरिन्द्रियों से संख्यातगुणी जघन्यं अवगाहना पाई जाती है।
१५८. प्रश्न : तियंचों में सम्यक्त्व ग्रहण के कौन-कौन से कारण हैं ?
उत्तर : कितने ही तियंच जीव प्रतिबोध से, कितने ही सुख-दुःख
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