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ताराओं एवं नक्षत्रों की उत्कृष्ट आयु पाव पल्य है।
ज्योतिष्क देवांगनाओं की आयु अपने-अपने देवों की आयु के अर्ध भाग प्रमाण होती है। सर्व निकृष्ट देवों के ३२ देवियाँ होती
हैं।
१०२. प्रश्न : ज्योतिष्क विमानों के अकृत्रिम चैत्यालयों का क्या
प्रमाण है ? उत्तर : ज्योतिष्क देवों के असंख्यात तिमान हैं, सब में एक-एक अकृत्रिम चैत्यालय है, अतः अकृत्रिम चैत्यालयों की संख्या भी असंख्यात है। १०३. प्रश्न : ज्योतिषी देवों के शरीर की अवगाहना एवं अवधिज्ञान का विषय कितना है ? उत्तर : ज्योतिषी देवों के शरीर की ऊँचाई सात धनुष प्रमाण और अवथिज्ञान का विषय भवनवासी देवों के अवधिज्ञान से असंख्यात गुणा है।
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