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द्वितीयाधिकार
४२. प्रश्न : "देव' किसे कहते हैं ? उत्तर : अभ्यन्तर कारण देवगति नाम कर्म का उदय होने पर जो नाना प्रकार की बाह्य विभूति से द्वीपसमुद्रादि अनेक स्थानों में इच्छानुसार क्रीड़ा करते हैं, वे देव कहलाते हैं ? ४३. प्रश्न : देवों के कितने भेद हैं ? उत्तर : भवनवासी, व्यन्तर, ज्योतिष्क और वैमानिक-कल्पवासीइस प्रकार देवों के चार प्रकार हैं। ४४. प्रश्न : भवनत्रिक देवों के कितने भेद हैं ? उत्तर : भवनवासी देवों के दस भेद हैं -
१. असुरकुमार, २. नागकुमार, ३. विद्युत्कुमार, ४. सुपर्णकुमार, ५. अग्निकुमार, ६. वातकुमार, ७. स्तनितकुमार, ८. उदधिकुमार, ६. द्वीपकुमार और १०. दिक्कुमार । व्यन्तर देवों के आट भेद हैं - १. किन्नर, २. किम्पुरुष, ३. महोरग, ४. गन्धर्व, ५. यक्ष, ६, राक्षस, ७. भूत और ८. पिशाच । ज्योतिष्क देवों के पाँच भेद हैं - १. सूर्य, २. चन्द्र, ३. ग्रह, ४. नक्षत्र और ५, तारा।