________________
उत्तरेन्द्र एवं उनके परिवार वाले शेष नौ कुमारों के भवन हैं।
इनमें किन्हीं-किन्हीं के भवनपुर एवं आवास भी होते हैं, परन्तु असुरकुमार देवों के केवल भवन रूप ही निवासस्थान होते हैं, भवनपुर और आवास नहीं होते हैं। ५२. प्रश्न : भवनवासी इन्द्रों के भवनों की संख्या कितनी-कितनी
उत्तर : भवनवासी के दक्षिणेन्द्रों में चमरेन्द्र के ३४ लाख, भूतानन्द के ४४ लाख, वेणु के ३५ लाख, पूर्ण के ४० लाख,जलप्रभ के ४० लाख, घोष के ४० लाख,हरिषेण के ४० लाख अमितगति के ४० लाख, अग्निशिखी के ४० लाख और वेलम्ब के ५० लाख भवन हैं। इसी प्रकार उत्तरेन्द्रों में वैरोचन के ३० लाख, धरणानन्द के ४० लाख, वेणुधारी के ३४ लाख, वशिष्ठ के ३६ लाख, जलकान्त के ३६ लाख, महाघोष के ३६ लाख, हरिकान्त के ३६ लाख, अमितवाहन के ३६ लाख, अग्निवाहन के ३६ लाख और प्रभञ्जन के ४६ लाख भवन हैं।
इन्द्रों की इस भवन-संख्या में उनके परिवार वाले देवों के भवनों की संख्या भी सम्मिलित है। ५३. प्रश्न : इन भवनों की लम्बाई आदि क्या है तथा इन भवनों की क्या विशेषता है ?
(३३)