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२५० मील
कोस
१२५ मील
ताराओं का जघन्य है कोस तारा का मध्यम व कोस तारा का उत्कृष्ट' १ कोस
१००० मील
कोस
५०० मील
नक्ष: मान
काल
9a00 मील
५०० मील
राहु विमान
कुछ कम
कुछ कम १ यो. कुछ कम
४००० मील कुष्ठ कम , पो. कुछ कम
४००० मील
कुछ कम १ योजन कुछ कम
११.
केतु विमान
(५५)
२००० मील कुछ कम २००० मील
१. यहाँ ताराओं का जघन्य विस्तार : कोस, मध्यम विस्तार कोस तथा है कोस, उत्कृष्ट विस्तार १ कोस कहा है। यह मत ति. प.५ ११ गा., नि. सार गाथा 19 सिद्धान्तसार दीपक १४/१५-२१ आदि में लिखा है। रा. वा, में इससे भिन्न उल्लेख है। तारकाविमानानां वैपुल्पं जघन्यं कोशचतुर्भागः, मध्यमं साधिकः कोशचतुर्भाग, उत्कृष्टम् अर्धगव्युतम् ( रा. वा.) में इससे भिन्न उल्लेख है। तारकाविमानानां वैपुल्यं जघन्यं क्रोशचतुर्भागः, उत्कृष्टम् अर्थ गव्युतम् (रा. वा. ४/१२/१०पृ. २१६ तथा ४०६) गव्युत = कोस, रा. वा. ३/३/ पृ. ६०