________________
७२. प्रश्न : व्यन्तर देयों में आहार और श्वासोच्छ्वास की
क्या व्यवस्था है ? उत्तर : जिन व्यन्तर देवों की आयु पल्य प्रमाण है, उनका पाँच पिः के असर से आहार होता है और पांच मुहूर्त बाद वे उच्छ्वास लेते हैं। जिन व्यन्तर देवों की आयु मात्र दस हजार वर्ष है, उनका आहार दो दिन बाद और उच्छवास सात श्वासोच्छ्वास पश्चात् होता है। किन्नर आदि व्यन्तर देव तथा देवियाँ दिव्य एवं अमृतमय आहार का उपभोग मन से ही करते हैं, उनके कवलाहार नहीं होता। ७३. प्रश्न : नीचोपपाद आदि व्यन्तर देवों का नियास कहाँ
पर है ? उत्तर : चित्रा पृथ्वी से एक हाथ ऊपर नीचोपपादिक देव स्थित हैं। इनसे १०,००० हाथ ऊपर दिग्वासी देव हैं। इनसे १०,००० हाथ ऊपर अन्तरवासी और इनसे १०,००० हाथ ऊपर कूष्माण्ड देव निवास करते हैं। इनसे २०,००० हाथ ऊपर उत्पन्न, इनसे २०,००० हाथ ऊपर अनुत्पन्न, इनसे २०,००० हाथ ऊपर प्रमाणक, इनसे २०,००० हाथ ऊपर गन्ध, इनसे २०,००० हाथ ऊपर महागन्ध, इनसे २०,००० हाथ ऊपर भुजंग, इनसे २०,००० हाथ ऊपर प्रीतिक और इनसे २०,००० हाथ ऊपर आकाशोत्पन्न
(४४)