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जीने का उसूल ईमान-बेईमान
बेईमानों के बीच ईमान की बात करना कौओं के झुंड में हंस की खिल्ली उड़ाना है।
ईश्वर
ईश्वर तर्क की नहीं, प्रेम और श्रद्धा की चीज है। उससे उतना ही प्रेम कीजिए जितना आप अपनी पत्नी और पैसे से करते हैं।
ईर्ष्या
ईर्ष्या बराबर वालों से नहीं, उनसे कीजिए जो हम से सौ गुना आगे बढ़े हुए हैं, ताकि हम भी उस ऊंचाई तक उठ सकें।
उतार-चढ़ाव
सम स्थिति तो केवल तारों की रहती है। महान् व्यक्तियों को तो चन्द्रमा की तरह उतार-चढ़ावों से गुजरना ही पड़ता है।
उत्थान
यदि अपना उत्थान केवल औरों के भरोसे ही हो सकता होता, तो गधा अब तक इन्सान हो गया होता।
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