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जीने का उसूल
पत्रकार
पत्रकार जिधर चाहे, जनभावना को उधर ही ले जा सकता
पत्रोत्तर
आक्षेप और आक्रोश भरे पत्रों का उत्तर सात दिन बाद दीजिए। हाथों हाथ दिया गया उत्तर वैसा ही होगा, जैसा आपके पास पत्र आया है।
परख
पारखियों के लिए कंकड़ों में भी हीरों के हस्ताक्षर हो सकते
हैं।
पर-दोष
दूसरों के दोषों को देखने वाला स्वयं दोषी है। दोष अपने देखिए और उन्हें सुधारिये।
पर-पीड़ा
पड़ौसी के घर में आग लगाने वाला व्यक्ति स्वयं अपने घर में सुरक्षित नहीं रह सकता।
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