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जीने का उसूल मन्दिर-मस्जिद
मन्दिर-मस्ज़िद के कोई खिलाफ़ नहीं है, पर इन्सान का महत्त्व मन्दिर-मस्ज़िद से भी ज्यादा है।
ममता
माँ की ममता भरी गोद इस जीवन का स्वर्ग है।
मस्ती
प्रतिकूलताओं से विचलित होने की बजाय उसमें रहने की आदत डालिए।
महत्त्व
महत्त्व इस बात का नहीं कि और लोग क्या करते हैं। महत्त्व इस बात का है कि हम क्या करते हैं।
महान्
महान व्यक्ति उस बादल की तरह होते हैं, जो ऊँचे उठकर भी धरती के कल्याण की कामना करते हैं।
महान् कार्य
महान् व्यक्ति नहीं, उसके कार्य होते हैं। हम अपने कार्यों को महान् बनाएँ, व्यक्तित्व स्वत: महान् हो जायेगा।
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