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शून्य - साधना
शैतान
शैशव
शोध
वह
जिसे 'कोरी पुस्तिका' पढ़ने में नीरसता नहीं लगती, शून्य की साधना से विचलित नहीं हो सकता ।
हमारी प्रार्थना से परमात्मा प्रसन्न हों या न हों, पर शैतान जरूर नाखुश होता है ।
बचपन जीवन की नींव है । इमारत को लिए नींव को सुन्दर सुदृढ़ बनाइये ।
श्रद्धा और वासना
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जीने का उसूल
'खूबसूरत
जो घर में खोई हुई सुई को बाहर ढूँढते हैं, वे स्वयं को दूर
कर रहे हैं।
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यदि प्रेम का संस्कार श्रद्धा है तो प्रेम का विकार
वासना कहलाती है।
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