Book Title: Jine ke Usul
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 129
________________ १२२ सुई - तलवार सुख - ईर्ष्या जो काम सुई से निपट सकता हो, उसके लिए तलवार क्यों चलाई जाए? भिखारी को चैन की नींद सोये हुए देखकर सम्राट् को भी ईर्ष्या हो जाती है। सुख-दुःख । मनुष्य की एक आँख में खुशी है, तो दूसरी में आँसू । यदि आँसुओं को भी मुस्कराने की कला आ जाए तो दूसरी आँख में भी मुस्कान के फूल खिलाए जा सकते हैं। सुखी बुढ़ापा जीने का उसूल सुनहरा सुखी बुढ़ापे के लिए अपनी जिम्मदारियों को कम कीजिए, परिवार से अच्छे संबंध रखिए और बच्चों के निजी मामलों में हस्तक्षेप करने से बचिए। भयंकर सर्दी हो या गर्मी, उगता सूरज तो हमेशा ही सुनहरा लगता है। Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org


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