Book Title: Jine ke Usul
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 132
________________ जीने का उसूल सोचना और करना सोचिए शांति से कीजिए तेजी से । 9 सौन्दर्य वेश-भूषा का सौन्दर्य घड़ी भर का है, बाकी तो अन्तर्मन की सुन्दरता ही काम आती है। सौन्दर्य-दृष्टि सुन्दरता वस्तु में कम; देखने वाले की नजरों में ही ज्यादा बसती है। सौन्दर्य-प्रताड़ना अतिरिक्त सौन्दर्य-प्रसाधनों से स्वाभाविक सौन्दर्य प्रताड़ित होता है। सौम्य स्वभाव १२५ काला गोरे को भी अपनी ओर आकर्षित कर सकता है बशर्ते उसका स्वभाव सौम्य हो । स्त्री-पुरुष स्त्री पुरुष की सहचर है, उसके पैर की जूती नहीं । Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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