Book Title: Jine ke Usul
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 115
________________ १०८ संकल्प संकल्प और सफलता संगत संकल्प जितना सुदृढ़ होगा, सफलता उतनी ही करीब होगी । संकीर्ण संकल्प छोटा ही क्यों न हो, यदि वह पूर्ण है तो जीवन को नई दिशा, नई सफलता दे सकता है। जीने का उसूल कुएँ से सटकर बैठने वाले व्यक्ति गंगासागर की यात्रा का पुण्य नहीं कमा सकते । संगठन केवल शिक्षा पर ही ध्यान मत दीजिए । संगत पर भी ध्यान दीजिए । शिक्षा अच्छी हो पर संगत बुरी हो तो अच्छी शिक्षा भी बुरे नतीजे दे बैठती है । संगठन में इतनी शक्ति है कि अगर तुम अपने आँसुओं को भी इकट्ठा कर लो तो उनमें भी दुश्मनों को डुबो देने की क्षमता है। Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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