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जीने का उसूल सच-झूठ
दूसरे को हानि पहुँचाने वाले सत्य को बोलने से तो वह झूठ बेहतर है, जो दूसरे की सहायता करे।
सजाना
घर में बिखरे हुए साजो-सामान को सजाइये। यह अपनेआप में योगासन ही है।
सतर्कता
जो मित्रों और सम्बन्धियों से सँभल कर नहीं चलता, वह दुश्मन से भी मात खा जाता है।
सत्कार-दुत्कार
औरों की भावनाओं का सत्कार करना सीखें, उन्हें दुत्कारना नहीं।
सत्य
सत्य सदा मधुर होता है। कृपया उसे अपनी कड़वी जबान के कारण कड़वा मत बनाइये।
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